सादर नमन है तुमको तुलसी, करते हैं शत शत वंदन। सादर नमन है तुमको तुलसी, करते हैं शत शत वंदन।
जहाँ से परे लिख जाओगे, सुशील का है विश्वास, कलयुग के आप वाल्मिकी हो, आप ही तुलसीदास। जहाँ से परे लिख जाओगे, सुशील का है विश्वास, कलयुग के आप वाल्मिकी हो, आप...
आयेगा कैसे सत मानवता आज की आवश्यकता। आयेगा कैसे सत मानवता आज की आवश्यकता।
ख्याल अपना-अपना पाने से ज्यादा मज़ा देने में है। ख्याल अपना-अपना पाने से ज्यादा मज़ा देने में है।
नयनों से दर्शाते आँसू नयनों से दर्शाते आँसू
इन्द्रधनुष सा लहराया, सुकून पाया मन। इन्द्रधनुष सा लहराया, सुकून पाया मन।